इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable bowel syndrome or IBS)

इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable bowel syndrome or IBS)
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम ( Irritable bowel syndrome) एक  सामान्य विकार (disorder) है, जो बड़ी आंत को प्रभावित करता है। इसको लक्षणों में ऐंठन, पेट में दर्द, सूजन, गैस और दस्त या कब्ज अथवा ये सब शामिल हैं।

इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम ( Irritable bowel syndrome)
एक पुरानी (chronic) स्थिति है, जिसे दीर्घकालिक प्रबंधन करने की आवश्यकता होती है।

इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS)
वाले लोगों की एक छोटी संख्या में गंभीर संकेत और लक्षण मिलते हैं। कुछ लोग आहार, जीवन शैली और तनाव का प्रबंधन करके अपने लक्षणों को नियंत्रित कर सकते हैं। अधिक गंभीर लक्षणों का इलाज दवा और डॉक्टर के परामर्श के साथ किया जा सकता है।

IBS क्या है?
IBS को स्पास्टिक कोलन(spastic colon), इरिटेबल कोलन (irritable colon), म्यूकस कोलाइटिस (mucus colitis) और स्पास्टिक कोलाइटिस(spastic colitis) के रूप में भी जाना जाता है। यह ‘इन्फ्लामेट्री बॉवेल डिजीज’ (Inflammatory bowel disease) से अलग स्थिति है और अन्य आंत्र स्थितियों से संबंधित नहीं है।

इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS)
आंतों के लक्षणों (symptoms) का एक समूह है जो आमतौर पर एक साथ होता है। लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति में गंभीरता और अवधि में भिन्न होते हैं। हालांकि, वे प्रति माह कम से कम तीन दिनों के लिए कम से कम तीन महीने तक रहते हैं।

IBS कुछ मामलों में आंतों को नुकसान पहुंचा सकता है, हालाँकि, यह आम नहीं है।
IBS गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के जोखिम को नहीं बढ़ाता है, लेकिन फिर भी जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।

IBS के लक्षण :
ऐंठन।
पेट दर्द।
सूजन और गैस।
कब्ज।
दस्त।

IBS वाले लोगों के लिए कब्ज और दस्त दोनों  होना असामान्य नहीं है।
मल त्याग के बाद आमतौर पर सूजन और गैस जैसे लक्षण दूर हो जाते हैं।
कुछ लोगों में इस रोग के लक्षण लगातार होते हैं जबकि कुछ में रुक-रुक कर।

कारण:
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम ( Irritable bowel syndrome) का (exact) कारण ज्ञात नहीं है,फिर भी संभावित कारण ये हैं :
– अति संवेदनशील कोलन (colon) या अतिसंवेदनशील प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system)
– अन्न प्रणाली (gastrointestinal tract) में पहले हुए संक्रमण से IBS

आईबीएस का उपचार :
IBS का कोई स्थायी इलाज नहीं है। लक्षणों में राहत के उद्देश्य से कुछ उपचार व सुझाव हैं –

ये “घरेलू उपचार” आमतौर पर दवा के उपयोग से पहले सुझाए जाते हैं। उदाहरण के लिए :
-नियमित शारीरिक व्यायाम व योग ।
-कैफीनयुक्त पेय पदार्थों में कमी, जो आंतों को उत्तेजित (stimulate) करते हैं।
-एक बार के बजाय,अनेक बार थोड़ा-थोड़ा भोजन करना।
-तनाव को कम करना (टॉक थेरेपी मदद कर सकती है)।
– गैस और सूजन को दूर करने में मदद करने के लिए प्रोबायोटिक्स का प्रयोग (“अच्छे” बैक्टीरिया जो आमतौर पर आंतों में पाए जाते हैं, बढ़ेंगे)।
– गहरे तले हुए या मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचना।
– तनाव आपके पाचन तंत्र को अति सक्रिय कर सकता है। साथ ही तनाव प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करता है अतः IBS के रोगियों को तनाव से बचना चाहिए।
– उन खाद्य पदार्थों की पहचान जिनसे रोग ‘ट्रिगर’ हो रहा है तथा उनके सेवन से बचना।
-IBS में दस्त के कारण कई बार रोगी का शरीर कुपोषण का शिकार हो जाता है। ऐसे में उसे सुनिश्चित करना चाहिए कि शरीर को पर्याप्त पोषण मिल रहा है।
– कुछ लोगों को अदरक, पुदीने और कैमोमाइल (ginger, peppermint and chamomile) के प्रयोग से राहत मिली है।

इन खाद्य पदार्थों से बचें :
यदि आप IBS से ग्रस्त हैं तो अपने आहार का उचित प्रबंधन करने से आपको राहत मिल सकती है, हालांकि इसमें कुछ समय लग सकता है।
कुछ खाद्य पदार्थों जैसे डेयरी उत्पाद, तले हुए खाद्य पदार्थ, अपचनीय शर्करा और बीन्स (dairy,fried foods,indigestible sugars and beans) को छोड़ दें या अपने भोजन से कम कर दें।
यदि IBS के लक्षण जीवन शैली या आहार परिवर्तन से नहीं सुधरते हैं तो डॉक्टर के सुझाव के अनुसार दवाई लेनी चाहिए।