स्वस्थ जीवन बहुत कुछ स्वस्थ व सुचारू पाचन तंत्र पर तथा पाचन तंत्र संतुलित आहार व जीवन शैली पर निर्भर करता है। ऐसे बहुत लोग हैं, जिन्हें पाचन संबंधी समस्या (Digestive system problem) का सामना करना पड़ता है। इस आलेख में हम पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए कुछ आसान टिप्स बता रहे हैं।
उल्टा-सीधा खानपान हमारी पाचन शक्ति को कमजोर कर रहा है। पाचन तंत्र से जुड़ी सबसे आम समस्याएं कब्ज, गैस व डकारें ,दस्त, पेट में ऐंठन और मतली हैं। इनसे राहत पाने के लिए लोग तरह-तरह के नुस्खे आजमाते हैं, इसके बाद भी कई बार उन्हें आराम नहीं मिलता है। ऐसे में आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए आप कुछ आसान टिप्स फॉलो कर सकते हैं:
1.फाइबर युक्त संतुलित आहार लें (Eat fiber rich balanced diet)
फाइबर पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । दोनों प्रकार के फाइबर, घुलनशील फाइबर और अघुलनशील फाइबर का सेवन करना महत्वपूर्ण है। ये दोनों आपके पाचन तंत्र के लिए अलग-अलग तरीके से मदद करते हैं। फाइबर के अच्छे स्रोतों में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, नट्स, बीज और फलियां आदि शामिल हैं।
अघुलनशील फाइबर (रौगेज) के अच्छे स्रोतों में साबुत अनाज, सब्जियां, बीन्स, नट्स, आदि शामिल हैं, और घुलनशील फाइबर में फलियां, जई, जौ, खट्टे फल, सेब और बहुत कुछ शामिल हैं।
संतुलित आहार लें, जिसमें पर्याप्त पत्तेदार एवं हरी सब्जियां (अदरक, पुदीना सहित) ताजा फल ( पपीता, संतरा, केला आदि) और नट्स ( बादाम, अखरोट आदि ) शामिल हों। भोजन में 20 से 35 ग्राम फाइबर अवश्य सम्मिलित हो।
प्रोसेस्ड या पैकिंग वाले आटे के बजाय पिसवाये अनाज के बिना छने हुए आटे का उपयोग स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है ,क्योंकि इसमें पर्याप्त फाइबर व अन्य तत्व होते हैं।
यह सुनिश्चित कर लें कि आपके भोजन में सभी प्रकार के विटामिन ( विशेषकर विटामिन सी ) खनिज और प्रोटीन वाले पदार्थ हों।
2. प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स को अपने आहार में शामिल करें (Prebiotics and Probiotics) :
दही व अन्य प्रोबायोटिक्स खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इससे आपके पाचन तंत्र में अनुकूल या ‘फ्रेंडली बैक्टीरिया’ बढ़कर पाचन में सहायता करेंगे।
प्रोबायोप्रोबायोटिक स्थान लेने के लिए खराब बैक्टीरिया के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं । वे पाचन तंत्र में प्राकृतिक एंटीबॉडी के रिलीज को बढ़ावा देते हैं और यहां तक कि कुछ मामलों में सीधे अस्वस्थ बैक्टीरिया पर भी हमला कर सकते हैं।
प्रोबायोटिक्स ऐसे बैक्टीरिया हैं जो पाचन तंत्र में अच्छे बैक्टीरिया की आबादी में वृद्धि करते हैं। जबकि, प्रीबायोटिक्स क्रियाशील पौधे फाइबर हैं जो अच्छे बैक्टीरिया के लिए भोजन के रूप में कार्य करते हैं। संक्षेप में, यदि इन दोनों को प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में लिया जाए तो यह आपके पाचन स्वास्थ्य को लंबे समय तक सुचारू व स्वस्थ रखेंगे। प्रोबायोटिक्स को समायोजित करने वाले खाद्य पदार्थ गेहूं की भूसी, केला, लहसुन हैं और प्रीबायोटिक्स में दही व योगर्ट, केफिर (kefir), खट्टा क्रीम (sour cream), प्रोबायोटिक दूध आदि शामिल हैं। इसके अलावा, प्रोबायोटिक्स पोषक तत्वों के शरीर में बेहतर अवशोषण में सहायता करते हैं, लैक्टोज को तोड़ने में मदद कर सकते हैं, और इस प्रकार आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। दही का नियमित सेवन एक परम प्रतिरक्षा प्रणाली बूस्टर के रूप में कार्य करता है और यहां तक कि कैंसर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों, संक्रमण आदि को भी रोक सकता है।
3. उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों से बचें (Avoid high fat food) :
उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों में कटौती करें, जिनमें फैटी एसिड होता है जो अंततः पाचन प्रक्रिया को धीमा कर देता है। इससे कब्ज का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, अपने आहार में कुछ वसा जोड़ने की सलाह दी जाती है। तो, अपनी थाली में उच्च फाइबर के साथ कुछ अच्छे वसा को एक साथ रखें जो पाचन प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद करेगा। इसके साथ ही आपको अपने आहार में चीनी की मात्रा को बंद कर देना चाहिए। कृत्रिम मिठास खराब बैक्टीरिया को बढ़ा देती है जिससे पाचन संबंधी कई समस्याएं होती हैं। इसके बजाय, आपको ओमेगा -3 जैसे स्वस्थ फैटी एसिड वाले आहार को शामिल करना चाहिए जो मुख्य रूप से चिया सीड्स, अखरोट, पालक, अलसी, सोयाबीन और कई अन्य में पाए जाते हैं।
तले हुए,मसालेदार,वसायुक्त,डिब्बाबंद, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों से बचें।
4. भोजन धीरे धीरे चबाकर खाएं (Chew food properly):
खाना पचाने के लिए उसे अच्छी तरह से चबाकर खाएं। जब आप अपने भोजन को अच्छी तरह चबाते हैं, तो ये आपके पाचन तंत्र के काम को आसान बनाता है। इसलिए खाना जल्दबाजी में न खाएं, क्योंकि इससे अपच की समस्या हो सकती है।
जब आप खाना चबाते हैं तो पाचन की प्रक्रिया मुंह के अंदर ही शुरू हो जाती है। वास्तव में, भोजन को मुंह के अंदर चबाते समय 50% पाचन समाप्त हो जाना चाहिए। लेकिन, अक्सर हम इस तथ्य को भूल जाते हैं और उस कार्य पर ध्यान नहीं देते हैं जो आपके दांत भोजन को पीसने में खेलते हैं। भोजन के छोटे-छोटे टुकड़े पाचन तंत्र में सुचारू गति को आरंभ करते हैं। इसके अलावा, चबाने से मुंह में अधिक लार जमा होती है, जो बदले में आवश्यक पाचन एंजाइम जारी करती है जो अच्छे पाचन को बढ़ावा देती है। यह कुछ सामान्य चिंताओं जैसे अपच, सूजन आदि से बचने में मदद कर सकता है।
अपने भोजन को ठीक से और धीरे-धीरे चबाकर खाने पर आप तुरंत सकारात्मक परिणाम अनुभव करेंगे।
5. पर्याप्त पानी व ताजा जूस पीएं (Drink sufficient water) :
पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए आपको खूब पानी पीना चाहिए। यह पाचन स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। इसके अलावा आप ताजे फलों के जूस, नींबू पानी या नारियल पानी का सेवन करें।
लौकी, गाजर, पालक, टमाटर, आंवला व पुदीने का जूस भी लाभकारी होता है।
पानी आपके पाचन के साथ-साथ आपके शरीर के लिए भी बहुत जरूरी है। हर दिन कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है। अपने दैनिक आहार में अधिक फल और सब्जियां शामिल करें जैसे कि खीरा, तरबूज, खट्टे फल, टमाटर, आदि।ये न केवल महत्वपूर्ण पौष्टिक गुणों से सम्पन्न होते हैं, बल्कि इनमें पानी की मात्रा में भी अधिक होती है। इसलिए, अपने आहार में भरपूर पानी शामिल करने से वसा और अघुलनशील फाइबर को घोलकर पाचन में मदद मिलेगी। पानी भोजन को आपकी आंतों से अधिक आसानी से गुजरने देता है।
6. व्यायाम, योग व सैर करना भी जरूरी है (Yoga,walk and exercise are must)
खाना खाने के बाद आप सीधे बिस्तर पर नहीं जाएं। थोड़ा टहलें। क्योंकि स्वास्थ्य के लिए शारीरिक व्यायाम बहुत जरूरी है। सुबह उठकर आप सैर के लिए जा सकते हैं, दौड़ सकते हैं और योग कर सकते हैं। नियमित रूप से व्यायाम,योग,सैर या नृत्य जैसी शारीरिक गतिविधियां आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
यदि आप अपने पाचन तंत्र को मजबूत करना चाहते हैं तो योग,व्यायाम व सैर को अपनी दैनिक जीवन शैली में प्राथमिकता दें। हर दिन कम से कम 30 से 45 मिनट नियमित योग , सैर और व्यायाम में शामिल हों। नियमित व्यायाम करने से भोजन को पाचन तंत्र में सुचारू रूप से चलने में मदद मिलती है और इस प्रकार कब्ज से बचाव होता है।
योग व व्यायाम आपको स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करता है, आपके शरीर के अंगों के साथ-साथ आपके आंतरिक अंगों को भी सक्रिय करता है और इस प्रकार आपके पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है।
7.शराब और धूम्रपान से बचें (Avoid alcohol and smoking) :
धूम्रपान कतई ना करें। यथासंभव अल्कोहल का भी उपयोग न करें। धूम्रपान, अत्यधिक मात्रा में शराब पीना, कैफीन का अत्यधिक सेवन, साथ ही कुछ अन्य बुरी आदतें आपके पाचन तंत्र के कामकाज में बाधा डालती हैं, जिससे यह कमजोर और अस्वस्थ हो जाता है। इतना ही नहीं, बल्कि ये कैंसर, पेट के अल्सर तथा अन्य कई रोग व विकार उत्पन्न कर सकते हैं।
शराब एसिड स्राव और पोषक तत्वों के अवशोषण में हस्तक्षेप करती है, इसलिए आपको इस बात का ध्यान रखने की आवश्यकता है कि आप बहुत अधिक न पियें। धूम्रपान आपके पाचन तंत्र पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है क्योंकि यह अन्नप्रणाली के अंत में वाल्व को कमजोर करता है। यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के खतरे को भी बढ़ाता है। इसलिए, यह एक अनिवार्य कदम है जिसे आपको अपने शरीर के साथ-साथ अपने पाचन स्वास्थ्य को सुरक्षित बनाने के लिए विचार करना चाहिए।
8. जरूरी है तनाव प्रबंधन भी (Stress management is must) :
मजबूत पाचन तंत्र और प्रभावी पाचन के लिए तनाव प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। तनाव और चिंता की भावनाएं आपके पाचन तंत्र में गड़बड़ी पैदा कर सकती हैं क्योंकि आपका मस्तिष्क और पाचन तंत्र एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। तनाव मुक्त करने वाले ध्यान, योग व व्यायाम, अधिक नींद लेने और विश्राम तकनीकों का प्रयास करें। हालांकि, आपको इनका नियमित रूप से अभ्यास करने की आवश्यकता है।
9. वजन कम करें (यदि अधिक है तो ) (Control your weight) :
मोटे होने के कारण, या कुछ पाउंड अधिक वजन होने से पाचन संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं; उदाहरण के लिए, पेट और अन्नप्रणाली के बीच का वाल्व कभी-कभी पूरी तरह से बंद नहीं होता है। यह पेट के एसिड को अन्नप्रणाली में वापस जाने की अनुमति देता है। इस प्रकार, आपको एक अच्छी पाचन प्रक्रिया में सहायता के लिए स्वस्थ वजन बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए।
किसी भी विकार या रोग के प्रारंभिक लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से परामर्श लें ताकि पहली स्टेज पर ही उपचार संभव हो सके।
अपने खाद्य व पेय पदार्थों के उचित चयन तथा अनुकूल जीवनशैली के माध्यम से आप अपने पाचन तंत्र को अत्यंत सुगम बनाकर स्वस्थ रह सकते हैं।
इन उपयोगी आदतों को अपनाकर खुद को और अपने पाचन तंत्र को स्वस्थ रखें। सकारात्मक रहें और नकारात्मक विचारों और भावनाओं को नजरअंदाज करें। इससे पाचन तंत्र और शरीर को स्वस्थ रखने में सहायता मिलेगी।

